विजन और मिशन
दृष्टि
एक भविष्य-उन्मुख संस्थान, जो चिंतन की उत्कृष्टता को विकसित करे; ज्ञान का सृजन, संरक्षण और प्रसार करे; तथा सामाजिक चुनौतियों और आकांक्षाओं का उत्तर देने हेतु बहुविषयक दृष्टिकोण के साथ रूपांतरणकारी प्रौद्योगिकियों/हस्तक्षेपों का उपयोग करे।
मिशन
- संकाय और छात्रों में मानवीय मूल्यों, सीखने की उत्कंठा तथा सृजनशीलता को प्रोत्साहित करना।
- उच्च-गुणवत्ता वाले, भविष्यवादी शिक्षा और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में अग्रसर होना।
- सामाजिक रूप से जिम्मेदार संकाय, छात्र और भावी नेताओं का विकास करना, जो आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हों।
- सक्षम आधारभूत संरचना और सहायक सेवाओं के साथ एक पेशेवर आंतरिक संस्कृति को उत्प्रेरित करना।
- उद्योग और शिक्षाजगत के साथ प्रभावी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सहभागिता स्थापित करना।
लक्ष्य
- पाठ्यक्रम : सभी पाठ्यक्रमों में संतुलित, व्यापक तथा विशिष्ट शिक्षा को सम्मिलित करना, जिससे विभिन्न प्रकार के छात्रों और उनकी रुचियों को अवसर मिल सके।
- शिक्षण-पद्धति : भविष्यवादी शिक्षण-पद्धति के गतिशील विकास, क्रियान्वयन और मूल्यांकन हेतु प्रणाली स्थापित करना, जिसमें मिश्रित-हाइब्रिड शिक्षण और अनुभवात्मक अधिगम शामिल हों।
- अनुसंधान : अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ वैश्विक स्तर पर संलग्न अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना, ताकि शैक्षणिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और औद्योगिक क्षेत्रों में नेतृत्व प्राप्त किया जा सके, साथ ही उभरते और मांग में रहने वाले अवसरों का लाभ उठाया जा सके।
- जनसंपर्क : कार्यरत पेशेवरों, पूर्व छात्रों और समुदाय के लिए आजीवन अधिगम यात्रा का पसंदीदा संस्थान बनना।
- संस्थानिक सहयोग : शिक्षण संस्थानों, अनुसंधान संस्थानों, व्यावसायिक संगठनों, नागरिक समाज, सरकारों और अन्य एजेंसियों के साथ प्रभावशाली साझेदारियाँ स्थापित करने हेतु एक कुशल मंच तैयार करना, ताकि मानवता के बड़े लक्ष्यों में योगदान दिया जा सके।
- औद्योगिक सहयोग : संयुक्त अनुसंधान/परियोजनाओं, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, और उद्यमिता/स्टार्टअप को बढ़ावा देने हेतु उद्योगों के साथ सहज सहयोग सुनिश्चित करना, साथ ही उपयुक्त सहायक संरचना और प्रणालियाँ स्थापित करना।
- वित्तीय योजना : संसाधन एकत्रीकरण और व्यय प्रबंधन के लिए नवीन तंत्र विकसित करना, जिन्हें आंतरिक बजटीय प्रक्रियाओं में अंतर्निहित किया जाए, ताकि संस्थान की दृष्टि और लक्ष्यों को साकार करने हेतु पर्याप्त संसाधन/निधियाँ उपलब्ध हो सकें।
- आधारभूत संरचना : संस्थान में सुरक्षित, विकसित होती हुई, भविष्यवादी डिजिटल और भौतिक आधारभूत संरचना तथा सहायक सेवाएँ होंगी, जो सभी आवश्यकताओं को पूरा करेंगी, साथ ही अधिगम और कौशल विकास में सहायक ज्ञान-संरचना भी उपलब्ध होगी।
- छात्र जीवन चक्र : भा. प्रौ. सं. जोधपुर में छात्र (i) एक जीवंत शिक्षण वातावरण पाएंगे, जहाँ वे शैक्षणिक, सह-पाठ्यक्रमीय और पाठ्येतर गतिविधियों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें, (ii) अपने पसंदीदा व्यवसायों में सफल प्रवेश हेतु प्रभावी करियर विकास प्रक्रिया पाएंगे, तथा (iii) पूर्व छात्रों से सशक्त संबंध पाएंगे, जिनमें नियमित संवाद, आजीवन अधिगम और व्यावसायिक विकास के लिए सहयोग, और संस्थान के कार्यों में सक्रिय भागीदारी शामिल होगी।
- फुर्तीला संगठन : यह सुनिश्चित करना कि भा. प्रौ. सं. जोधपुर एक फुर्तीला संगठन बना रहे, जो स्थिरता और गतिशीलता दोनों के लिए सक्षम हो, और टीमों के नेटवर्क के रूप में कार्य करे; जिसकी संस्कृति मानव-केंद्रित हो, जो तीव्र किंतु विचारशील निर्णय चक्रों के माध्यम से संचालित हो, जिन्हें प्रौद्योगिकी सक्षम बनाए, और जो सभी हितधारकों के लिए मूल्य सह-निर्माण हेतु एक शक्तिशाली साझा उद्देश्य द्वारा निर्देशित हो।