एसटीआई हब
एसटीआई हब आईआईटी जोधपुर
लक्ष्य एवं उद्देश्य
इस परियोजना का उद्देश्य पश्चिमी राजस्थान के अनुसूचित जाति समुदायों की आजीविका प्रणालियों में तकनीकी-सामाजिक हस्तक्षेपों को डिजाइन और कार्यान्वित करना है ताकि उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सकारात्मक प्रभावशाली समाधान तैयार किए जा सकें। परियोजना चार क्षेत्रों पर केंद्रित है:
रस्सी और भू-वस्त्र निर्माण वर्टिकल प्राकृतिक रेशों का उपयोग करके यार्न बनाने और इसे उत्पादों में परिवर्तित करके इसके मूल्य संवर्धन पर समुदायों को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित है। इन उत्पादों में मेशमैट, नर्सरी पाउच, कॉरिडोर मैट, स्टेबल मैट और टी कोस्टर शामिल हैं।
एसएसपीवी या उपसतह छिद्रपूर्ण पोत प्रौद्योगिकी का उपयोग शुष्क मिट्टी में सिंचाई के लिए किया जाता है। यह आवासीय परिसर के भीतर सब्जी की खेती को प्रोत्साहित करता है, जिससे परिवार के स्वास्थ्य में सीधे योगदान होता है।
जल शोधन वर्टिकल ग्रामीणों को कम लागत वाले अत्यधिक कुशल जी-फिल्टर वितरित करने और साथ ही कुम्हार समुदायों को इसके निर्माण पर प्रशिक्षण देने पर केंद्रित है। जी-फिल्टर पोर्टेबल पानी प्रदान करके लोगों के स्वास्थ्य में भी सीधे योगदान करते हैं।
कार्यप्रवाह
स्थान
यह परियोजना भारत के थार रेगिस्तान क्षेत्र में स्थित 5 सुदूर जिलों पर केंद्रित है, जिनमें शामिल हैं
बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर और नागौर
प्रशिक्षण विवरण
जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर के विभिन्न गांवों में 40 से अधिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। ग्रामीणों को रस्सी बनाने, जालीदार चटाई बनाने, रिंग चटाई बनाने और नर्सरी पाउच बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
क्लस्टर
जोधपुर में 3 क्लस्टर बनाए गए, जिनमें महिलाएँ प्राकृतिक रेशों पर आधारित विभिन्न कलाकृतियों पर काम कर रही हैं
भवाद क्लस्टर – 4-5 महिलाएँ
मोकलावास क्लस्टर – 3-4 महिलाएँ
झीपासनी क्लस्टर – 3 महिलाएँ
सैटेलाइट सेंटर
अरना झरना संग्रहालय में एक सैटेलाइट सेंटर बनाया गया।
एनजीओ एसोसिएशन
एसटीआई उत्पादों के लिए बिक्री स्थान
अरना झरना संग्रहालय
अज्जू नर्सरी, पाओटा
रिपोर्ट